जानकी जयंती
हम सभी जानते हैं कि हमारी सीता मईया धरती माता से प्रकट हुई थी लेकिन क्या आप सभी जानते हैं कि हमारी सीता मईया किस दिन प्रकट हुई थी सरल शब्दों में पुछू तो उनकी जन्मतिथि क्या है ?? आज हम सीता मईया की जन्मतिथि जिसे जानकी जयंती के रूप में भी मनाया जाता है उसके बारे में जानेंगे तों आइए दोस्तों ! जानते हैं :-
पौराणिक कथाओं के अनुसार, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को ही मिथिला नरेश राजा जनक की पुत्री सीता जी प्रकट हुई थीं। माता सीता को लक्ष्मी माता का ही स्वरूप माना जाता है इसलिए जानकी जयंती के दिन दिन माता सीता की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है । इस दिन माता सीता के साथ- साथ राम जी की भी पूजा की जाती है।
रामायण की कथा के अनुसार, एक बार मिथिला राज्य में कई सालों तक वर्षा नहीं होने से सूखे और अकाल की स्थिति बन गई थी और राजा जनक अपनी प्रजा की तकलीफ देखकर परेशान हो गए। ऋषि मुनियों ने राजा जनक को यज्ञ करवाकर स्वयं खेत में हल जोतने का उपाय बताया था । ऋषियों - मुनियों के कहेनुसार राजा जनक ने यज्ञ करवाया और उसके बाद धरती में हल चलाकर स्वयं ही खेत जोतने लगे । अचानक उनका हल खेत में एक जगह फॅंस गया और काफी प्रयास के बाद भी नहीं निकला। राजा जनक ने। सैनिकों को वहाॅं की मिट्टी हटाने को कहा जब उस जगह की मिट्टी हटवाई गई तो वहाॅं से एक बड़ा कलश निकला जिसमें एक छोटी सी कन्या थी । कलश में से कन्या को बाहर निकाला गया । कलश में रखी कन्या के बाहर निकलते ही मिथिला राज्य में बारिश शुरू हो गई। राजा जनक की कोई संतान नहीं थी इसलिए उन्होंने उस कन्या को अपनी पुत्री मान लिया और उसका नाम सीता रख दिया । माता सीता के प्राकट्य की तिथि को ही उनके जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। जिसे सीता अष्टमी या जानकी जयंती के नाम से भी जाना जाता है ।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यह कहा जाता है कि जानकी जयंती के दिन सुहागिन महिलाओं के व्रत रखने से उनके वैवाहिक जीवन से जुड़ी सभी समस्याएं का निवारण होता हैं । सुहागिन महिलाएं सीता अष्टमी या जानकी जयंती के दिन अपने पति की लंबी उम्र की कामना के लिए व्रत रखती हैं और माता जानकी को श्रृंगार का सामान भी अर्पित करती हैं। और तो और यह भी कहा जाता है कि यदि कुंवारी कन्याएं यदि इस दिन व्रत रखती है तो उन्हें मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। यदि किसी कन्या के विवाह में कोई अड़चन आ रही होती है तो उसे भी यह व्रत जरूर करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से विवाह से जुड़ी सभी अड़चनों का निवारण होता है । जानकी जयंती पर मंदिरों में भी भगवान श्री राम और माता सीता की पूजा की जाती है ।
🙏🏻🙏🏻🙏🏻जय सियाराम 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
धन्यवाद 🙏🏻🙏🏻
" गुॅंजन कमल " 💗💞💓
Anuradha sandley
29-Nov-2022 10:14 AM
बहुत खूब
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पृथ्वी सिंह बेनीवाल
19-Nov-2022 05:07 PM
बहुत खूब
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Joshua Moore
17-Nov-2022 11:08 PM
Nice 👍🏼
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